सुकमा सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

सुकमाः छत्तसीगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में रविवार की सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। अभी तक तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। एनकाउंटर जिले के भेज्जी-चिंतागुफा के बीच के घने जंगलों में हुआ है। फिलहाल दोनों तरफ से रुक रुककर फायरिंग हो रही है।

दरअसल, डीआरजी जवानों की टीम जंगलों में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सर्चिंग पर निकली हुई थी। इसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। मौके पर जवानों ने भी मुस्तैदी से इसका जवाब दिया और काउंटर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद मुठभेड़ तेज हो गई।

हार्डकोर नक्सली हुए ढेर, हथियार बरामद

रविवार की सुबह हुए मुठभेड़ में तीन हार्डकोर माओवादी मारे गए। इनमें कुख्यात जनमिलिशिया कमांडर और स्नाइपर माड़वी देवा भी शामिल है। मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने .303 राइफल, BGL लॉन्चर्स और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया। मारी गई अन्य दो माओवादी महिलाओं की पहचान पोड़ियम गंगी और सोड़ी गंगी के रूप में हुई है। इन दोनों पर 5-5 लाख का इनाम था।

सुकमा एसपी किरण चौहान ने बताया कि 16 नवंबर के दिन जिला सुकमा के थाना भेज्जी और चिंतागुफा के सीमावर्ती क्षेत्र क्षेत्र के तुमालपाड़ जंगल और पहाड़ी इलाके में माओवादियों की मौजूदगी की विश्वसनीय सूचना प्राप्त होने पर जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की टीम द्वारा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। सर्च अभियान के दौरान प्रातः से DRG जवानों और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हुई। प्रारंभिक सूचना के अनुसार तुमालपाड़ मुठभेड़ स्थल से अब तक 02 महिला माओवादी सहित कुल 03 माओवादी कैडरों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

बस्तर में माओवाद का अंतिम चरण

आईजी सुन्दरराज ने कहा कि यह माओवादी संगठन पर बड़ा प्रहार है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि माओवाद अब बस्तर में अपने अंतिम चरण में है। माओवादी कैडरों के लिए हिंसा का मार्ग छोड़कर सरकार की पुनर्वास नीति अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने चेतावनी दी कि संगठन की पकड़ टूट चुकी है और अब उनकी दहशत और भ्रम का षड्यंत्र बस्तर में नहीं चलेगा।

सुरक्षाबल की टीमें लगातार घेर रही इलाका

रुक रुककर हो रही फायरिंग के बीच तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है क्योंकि मुठभेड़ अभी भी जारी है। सुरक्षाबल के जवान लगातार इलाके को घेरते हुए आगे बढ़ रहे हैं। ताकि नक्सलियों के भागने के सभी रास्ते बंद किए जा सकें।

बस्तर आईजी ने बताया कि पुलिस, सुरक्षा बलों और विभिन्न हितधारकों की संयुक्त कार्रवाई से बस्तर में बचे हुए नक्सली ठिकानों का तेजी से सफाया किया जा रहा है। बस्तर रेंज में साल 2025 में अब तक Central Committee Members, DKSZC Members और PLGA Cadres सहित कुल 233 माओवादी मारे जा चुके हैं, जो माओवाद की निर्णायक पराजय का प्रमाण है।

4 दिन पहले ही मारे गए थे 6 नक्सली

छत्तीसगढ़ में इस महीने में एनकाउंटर की दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले 11 नवंबर के दिन भी बीजापुर जिले के नेशनल पार्क में मुठभेड़ हुई थी। इसमें 3 महिला समेत 6 नक्सली मारे गए थे। मारे गए नक्सलियों में 27 लाख का इनाम था।

ब्युरो रिपोर्ट

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