एमसीबी/13 अक्टूबर 2025/ महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के उज्जवल भविष्य को समर्पित अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मिशन शक्ति, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा संकुल भवन चनवारीडांड में “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” योजना के अंतर्गत एक प्रेरणादायी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशानुसार तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमार खाती के मार्गदर्शन में श्रीमती तारा कुशवाहा, महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) के नेतृत्व में किया गया।


इस अवसर पर बतौर विशेष अतिथि न्यायाधीश श्रीमती सरिता दास (ADJ), विधिक सेवा प्राधिकरण से श्रीमती अंजनी यादव, जेंडर विशेषज्ञ सुश्री शैलजा गुप्ता, वित्तीय साक्षरता समन्वयक अनीता कुमारी शाह, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता अमीषा कुशवाहा एवं सुपरवाइजर कलावती उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बालिकाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पोषण के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उपस्थित छात्राओं को लैंगिक समानता, आत्मविश्वास, लक्ष्य निर्धारण, और उच्च शिक्षा के महत्व के बारे में प्रेरित किया गया। बालिकाओं को बताया गया कि स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार कितना आवश्यक है और एनीमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए आयरन युक्त आहार को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में “181 सखी वन स्टॉप सेंटर” और “चाइल्ड हेल्पलाइन 1098” की जानकारी देकर बालिकाओं को यह संदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की हिंसा, शोषण या आपात स्थिति में वे निःसंकोच सहायता प्राप्त कर सकती हैं। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों ने बेटियों को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
“बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम महिलाओं एवं बालिकाओं के समग्र विकास, सशक्तिकरण और पोषण संबंधी जागरूकता की दिशा में एक सराहनीय एवं प्रेरणादायी पहल साबित हुआ, जिसने समाज में बेटियों के सम्मान और समान अवसरों के संदेश को और मजबूत किया।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बालिकाओं के शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पोषण के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उपस्थित छात्राओं को लैंगिक समानता, आत्मविश्वास, लक्ष्य निर्धारण, और उच्च शिक्षा के महत्व के बारे में प्रेरित किया गया। बालिकाओं को बताया गया कि स्वस्थ जीवन के लिए संतुलित आहार कितना आवश्यक है और एनीमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए आयरन युक्त आहार को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही मासिक धर्म स्वच्छता के महत्व पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में “181 सखी वन स्टॉप सेंटर” और “चाइल्ड हेल्पलाइन 1098” की जानकारी देकर बालिकाओं को यह संदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की हिंसा, शोषण या आपात स्थिति में वे निःसंकोच सहायता प्राप्त कर सकती हैं। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों ने बेटियों को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज में सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
“बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत आयोजित यह जागरूकता कार्यक्रम महिलाओं एवं बालिकाओं के समग्र विकास, सशक्तिकरण और पोषण संबंधी जागरूकता की दिशा में एक सराहनीय एवं प्रेरणादायी पहल साबित हुआ, जिसने समाज में बेटियों के सम्मान और समान अवसरों के संदेश को और मजबूत किया।
ब्युरो रिपोर्ट





