चीन पर नजर… फिलीपींस के साथ रणनीतिक समझौते से भारत ने कैसे बढ़ा दी ड्रैगन की टेंशन

भारत और फिलीपींस ने रक्षा सहयोग बढ़ाया है। दोनों देशों ने 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता का समर्थन किया। दोनों देशों ने दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाइयों पर चिंता जताई।

दक्षिण चीन सागर पर एक सुर

दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में भारत और फिलीपींस द्वारा संयुक्त गश्त के खिलाफ चीन के विरोध के बीच, दोनों पक्षों ने वहां ‘बलपूर्वक और आक्रामक कार्रवाइयों’ पर चिंता व्यक्त की। इस तरह के ऐक्शन क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को प्रभावित करती हैं। साथ ही दोनों देशों ने संबंधित पक्षों से आत्म-संयम बरतने और विवादों को सुलझाने और प्रबंधित करने के लिए शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीकों के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान किया।

एक संयुक्त बयान के अनुसार, नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण चीन सागर पर 2016 का अंतिम और बाध्यकारी मध्यस्थता निर्णय एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का आधार है। इस निर्णय ने मनीला के साथ विवाद में दक्षिण चीन सागर के जल पर चीन के व्यापक दावों का खंडन किया था। 2023 में, भारत ने पहली बार स्पष्ट रूप से चीन से इस फैसले का पालन करने का आह्वान किया था। इसके एक साल बाद क्वाड के साथ एक संयुक्त बयान में इसी तरह का आग्रह किया था।
             ब्यूरो रिपोर्ट 
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