आधुनिक चिकित्सा की प्रणाली में जिस प्रकार बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने और बच्चों को सामान्य रोगों से बचाव के लिए विभिन्न वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है ठीक उसी प्रकार आयुर्वेद में वैदिक काल से बच्चों को रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए स्वर्ण प्राशन संस्कार विधि की जाती है यह एक प्रकार की आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेशन की प्रक्रिया है इस कार्यक्रम की आयुष विभाग को बधाई शुभकामनाएं देते हुए माननीय विधायक अंबिका मरकाम महोदया जी द्वारा आयुष विभाग को अन्य विभागों के साथ समन्वय कर इस तरीके के कार्यक्रम को करने के के लिए विभाग को बधाई दी एवं विभाग एवं शासन के समन्वय एवं विभाग को इस तरह के कार्यक्रम के लिए शासन द्वारा आर्थिक मदद करने की उन्होंने आश्वासन दिया l माननीय अरुण सार्वा जी ने कहा प्रधानमंत्री मोदी जी का एक सपना है कि आयुर्वेद देश की प्रथम चिकित्सा पद्धति के रूप में जाना जाए इसके लिए वह विश्व स्तर पर प्रयास कर रहे हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आयुष पद्धतियों के लिए अपना ऑफिस जो है गुजरात में खुला हुआ है ग्लोबल सेंटर ऑफ ट्रेडिशनल मेडिसन। हम सब को सामुहिक प्रयास कर के आयुर्वेद को देश को प्रथम चिकित्सा पद्धति बनाना है आज का कार्यक्रम कुपोषण मुक्त नगरी के.लिए कलेक्टर महोदय माननीय अविनाश मिश्रा सर के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में आयुष विभाग जिला धमतरी द्वारा महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर बृहद स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम आयोजित किया गया साथ ही आयुष के 36 संस्थानों में आज से स्वर्ण प्राशन शुरू करने की घोषणा की गई स्वर्णप्रशन बच्चों के स्वास्थ्य सुधार एवं स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु आयुर्वेदिक वरदान है आयुष विभाग सभी अभिभावकों से निवेदन करता है कि प्रत्येक माह के पुष्य नक्षत्र के दिन प्रत्येक संस्थानों में अपने बच्चों को ले जाकर स्वर्ण प्राशन कराएं जिला आयुष अधिकारी श्री अवध पचौरी ने बताया कि आज के इस वृहद स्वर्ण प्राशन शिविर के विषय में बताया प्राशन का अर्थ होता है चाट पर दिए जाने वाली औषधि। बच्चों के लिए आचार्य कश्यप जो कि आयुर्वेद के शिशु रोग विशेषज्ञ थे उन्होंने अपनी ग्रंथ में बाल रोग चिकित्सा की ऐसी अनेक आयुर्वेदिक प्रॉपर्टीज का उल्लेख किया है जो बच्चों को अतिरिक्त पोषण देता है या कुपोषण दूर करने के लिए जिनका उपयोग किया जाता है स्वर्ण प्राशन ड्रॉप में स्वर्ण भष्म, शुद्ध शहद, शुद्ध गाय का घी, अश्वगंधा, बचा , शंखपुष्पी एवं ब्राह्मी जड़ी बूटियां का मिश्रण है नगरी ब्लाक के ग्राम साकरा में शिविर में 2213 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। 609 हितग्राहियों ने आयुर्वेद चिकित्सा स्वास्थ्य लाभ लियाl 201 होम्योपैथिक चिकित्सा के हितग्राही रहे इसके अतिरिक्त जिले के 1507 बच्चों ने स्वर्ण प्रसन्न किया हैl






