“CM साय बोले—आदिवासी समाज का योगदान अतुलनीय”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कर्रेझर में वीर मेला महोत्सव में किया संबोधन—आदिवासी समाज के योगदान को बताया अतुलनीय

राजाराव पठार, कर्रेझर में शहीद वीर नारायण सिंह श्रद्धांजलि सभा में हुए शामिल, तालाब निर्माण व किचन शेड सहित विकास कार्यों की घोषणाएँ — 71.93 लाख के कार्यों का लोकार्पण

बालोद :– मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राष्ट्र और समाज के नव निर्माण में आदिवासी समाज के अमर शहीदों एवं महापुरुषों का योगदान अद्वितीय एवं अनुकरणीय है। वे आज गुरूर विकासखंड के ग्राम कर्रेझर में आयोजित विराट वीर मेला महोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित शहीद वीर नारायण सिंह श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और भगवान बूढ़ादेव, राजाराव बाबा तथा शहीद वीर नारायण सिंह का पूजन कर नमन किया।

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज की संस्कृति, इतिहास तथा विरासत को अत्यंत वैभवशाली बताते हुए मेला स्थल के समीप तालाब निर्माण हेतु 15 लाख रुपये, मेला आयोजन हेतु दी जाने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये, तथा देवस्थल में किचन शेड निर्माण करने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल में 71 लाख 93 हजार रुपये के पांच विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया।

मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज की मांगों के निराकरण हेतु राजधानी रायपुर में समाज प्रमुखों के साथ बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का योगदान स्मरणीय है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास, प्रति क्विंटल 3100 रुपये धान खरीदी, तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका योजना, मानक बोरा दर 5500 रुपये, तथा भूमिहीन किसान न्याय योजना जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लागू किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद समाप्ति की ओर है और बस्तर सहित पूरे प्रदेश में विकास की नई गंगा बहेगी। उन्होंने शिक्षा को सबसे बड़ा शस्त्र बताते हुए आदिवासी समाज से अपनी आने वाली पीढ़ी को शिक्षित बनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा सहित जनप्रतिनिधि एवं समाज प्रमुख उपस्थित रहे।

समारोह में आदिवासी कलाकारों द्वारा रेला, मांदरी, हुलकी जैसी परंपरागत लोक विधाओं की आकर्षक प्रस्तुतियाँ दी गईं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ’आदिशक्ति माँ अंगारमोती’ तथा ’घोटुल पुंदाना’ पुस्तकों का विमोचन भी किया।

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