शिक्षकों के संयुक्त प्रयासों से भण्डारपारा के बच्चों को मिली ‘सर्दी की वर्दी: स्वेटर वितरण व न्योता भोज का हुआ आयोजन

कोरिया/ देश के भविष्य माने जाने वाले बच्चे सभी को सच्चे और अच्छे लगते है लेकिन कड़ाके की ठंड में देश के इस भविष्य को ठिठुरते हुए स्कूल जाना जब किसी को नजर नहीं आता तो ऐसे में विद्यालय के शिक्षकों ने सामाजिक पहल कर इनकी तरफ हाथ बढ़ाया।
दिसंबर की शीतलहर के असर व कड़ाके की ठंड की मार से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले सभी जरूरतमंद 75 स्कूली बच्चों की मन की पीड़ा को समझते हुए,उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा का ख्याल करते हुए शाला में उनकी कम होती उपस्थिति की समस्या के समाधान के एक विकल्प के रूप में मा शाला-भण्डारपारा के शिक्षकों ने अपने निजी खर्च के सहयोग से कक्षा 6वीं से 8वीं के प्रत्येक स्कूली बच्चे को सर्दियों से बचाने गर्म कपड़े के रूप में एक नया स्वेटर निशुल्क प्रदान करते हुए शिक्षा के साथ साथ सामाजिक संवेदनशीलता, भागीदारी की दिशा में सराहनीय पहल करते हुए अपना दायित्व निभाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
मु.अतिथि संकुल प्राचार्य श्री रमाशंकर साहू व सरपंच प्रतिनिधि श्री सुखनंदन मिंज द्वारा देवी मां सरस्वती की छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया।
शिक्षकों और बच्चों द्वारा अतिथियों का स्वागत बैंड-बाजे,तिलक,पुष्पवर्षा व सुमन, माल्यार्पण से किया गया। बच्चों द्वारा देवी सरस्वती वंदना,स्वागत गीत के साथ सुन्दर व मनमोहक रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई।
स्वेटरवितरण:
उपस्थित अतिथियों के करकमलों से शाला के प्रत्येक बच्चे को स्वेटर वितरित किए गए।
स्वेटर पाकर बच्चों के चेहरे खुशियों के उत्साह और मुस्कानों की चमक से खिल उठे।
पुरुस्कार वितरण व न्योता भोज:
तिमाही आंकलन परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले और सर्वाधिक उपस्थिति वाले विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के रूप में मेडल,कलम,प्रमाण पत्र के साथ मिष्ठान्न खिलाकर पुरस्कृत किया गया तदोपरांत बच्चों, पालकों व उपस्थित ग्रामवासियों ने महिला स्व सहायता समूह द्वारा आयोजित न्योता भोज का आनंद लिया।
‘अगरवुड’ पौधारोपण की व्यवसायिक शिक्षा:
पर्यावरण संरक्षण एवं स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता बढ़ाने,भविष्य के मजबूत उद्यम के रूप में औषधीय गुणों से भरपूर विशिष्ट सुगंध वाले पूरी दुनिया के सबसे मंहगे पौधे अगरवुड जिसकी प्राकृतिक लकड़ी को ‘वुड ऑफ गॉड’ और तेल को ‘लिक्विड गोल्ड’ कहते हैं जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लाखो रुपए की होती है,पंचायत व यूथ व इको क्लब सदस्यों द्वारा रोपण कर शिक्षकों द्वारा इसकी खेती की पूरी प्रक्रिया की व्यवसायिक शिक्षा दी गई।
अतिथि संबोधन व आभार:
उक्त सम्पूर्ण कार्यक्रम का मंच संचालन उद्घोषक शिक्षक पंकज कुमार बाजपेयी ने किया।
मु.अतिथि ने अपने संबोधन में इसे विद्यालय व बच्चों के प्रति शिक्षकों का विशेष स्नेह व समर्पण बताया,वहीं सरपंच ने इसे नया दिन की संज्ञा देकर,नेक सोच वाले ऐसे शिक्षकों का मिलना,गांव के लिए सौभाग्य बताया।
सी.ए.सी ने शिक्षकों के सार्थक प्रयासों से गांव में शिक्षा की बेहतर बनती तस्वीर की सराहना कर पालकों से बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित कर नियमित शाला भेजने की अपील की।
SMC सदस्यों,पालकों और ग्रामवासियों ने शिक्षकों के अनवरत नव प्रयासों के प्रति साधुवाद व्यक्त किया,अंत में आभार प्रकट प्र.पाठक
श्री राजेश कुमार यादव ने किया।
इस अवसर पर शाला के शिक्षक श्रीमती अनिता शुक्ला, श्री प्रदीप कुमार साहू, संकुल समन्वयक श्री रंजीत सिंह सहित समस्त स्टाफ,SMC अध्यक्ष श्री परमजीत,उपाध्यक्ष श्री झलेश्वर राजवाड़े सहित अभिभावक गण व गणमान्य ग्रामवासी उपस्थित रहे।

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