एमसीबी/12 सितम्बर 2025/ जिले में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जिला महिला सशक्तिकरण केंद्र (हब) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना “संकल्प HEV” के अंतर्गत महिला केंद्रित विषयों पर 10 दिवसीय विशेष जागरूकता अभियान और अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता सप्ताह का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह अभियान 2 सितम्बर से 12 सितम्बर 2025 तक जिले के विभिन्न ग्रामों और विद्यालयों में संचालित हुआ, जिसने महिलाओं और बालिकाओं को न केवल उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया। इस अभियान को जिला कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के आदेशानुसार, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकुमार खाती के मार्गदर्शन में तथा जिला मिशन समन्वयक श्रीमती तारा कुशवाहा के नेतृत्व में संचालित किया गया। अभियान के अंतिम दिन खड़गवां परियोजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत बरदर में आयोजित विशेष कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और विद्यालय की छात्राएँ शामिल हुईं। कार्यक्रम की शुरुआत एक प्रेरणादायक वातावरण में हुई जहां उपस्थित जनसमूह को सबसे पहले PCPNDT Act यानी गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण प्रतिबंध अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी गई। बताया गया कि भ्रूण लिंग परीक्षण कानूनन अपराध है और इस पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही महिलाओं को उनके बुनियादी कानूनी अधिकारों से अवगत कराया गया और यह बताया गया कि वे कैसे अपने अधिकारों का उपयोग कर अपने जीवन को सुरक्षित और सम्मानजनक बना सकती हैं।


इसके पश्चात महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या पर रोक और बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने की बात की गई। महिला हेल्पलाइन 181 और चाइल्डलाइन 1098 जैसी हेल्पलाइन सेवाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा गया कि इन नंबरों पर कभी भी संकट की घड़ी में सहायता प्राप्त की जा सकती है। सखी वन स्टॉप सेंटर की भूमिका को रेखांकित करते हुए यह बताया गया कि यह केंद्र घरेलू हिंसा, उत्पीड़न या किसी अन्य प्रकार की परेशानी का सामना कर रही महिलाओं के लिए सुरक्षा और सहारा प्रदान करता है। इसके साथ ही नोनी सुरक्षा योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम और बालिका सुरक्षा योजनाएं भी समझाई गईं, जो महिलाओं और बालिकाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सहायता और सुरक्षा उपलब्ध कराती हैं। कार्यक्रम में यह भी विशेष रूप से बताया गया कि बाल विवाह समाज के लिए कितनी हानिकारक प्रथा है और इससे न केवल बालिकाओं का बचपन छीना जाता है बल्कि उनके स्वास्थ्य और भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उपस्थित बालिकाओं को विशेष रूप से साइबर अपराध और उसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया। उन्हें बताया गया कि डिजिटल युग में सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है और सोशल मीडिया या इंटरनेट का उपयोग करते समय किसी भी प्रकार की जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। साइबर सुरक्षा से जुड़े कई व्यावहारिक उपाय भी बालिकाओं को सिखाए गए ताकि वे स्वयं को सुरक्षित रख सकें।
इस अवसर पर बरदर मिडिल स्कूल और हाई स्कूल की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और ग्राम की महिलाओं ने भी अपनी सक्रिय उपस्थिति से कार्यक्रम को सफल बनाया। सेक्टर सुपरवाइजर सुश्री रिया अरोरा ने कार्यक्रम संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके प्रयासों ने पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित और प्रभावशाली बनाया। वहीं सखी वन स्टॉप सेंटर से केंद्र प्रशासक श्रीमती प्रियंका रजवाड़े और केस वर्कर श्रीमती प्रज्ञा ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहीं और उन्होंने महिलाओं और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने, अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने और विपरीत परिस्थितियों में साहसपूर्वक खड़े होने का संदेश दिया। स्कूल के शिक्षकगण ने भी पूर्ण सहयोग प्रदान कर इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दिया। कार्यक्रम का समापन न केवल नाश्ते के साथ बल्कि जागरूकता और संकल्प के एक नए उत्साह के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने यह दृढ़ निश्चय किया कि वे इस अभियान से प्राप्त ज्ञान और संदेशों को अपने जीवन में उतारेंगे और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करेंगे।
ब्युरो रिपोर्ट





