जस्टिस विक्रम नाथ ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर मजाकिया टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस केस ने उन्हें दुनियाभर में प्रसिद्ध कर दिया है। उन्होंने वर्तमान सीजीआई बीआर गवई को यह मामला उन्हें सौंपने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
तिरुवनंतपुरम : दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के मामले के पुराने फैसले को हाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था। सर्वोच्च न्यायालय की इस पीठ का नेतृत्व करने वाले न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने अब एक मजाकिया टिप्पणी करते हुए कहा कि इस केस ने मुझे दुनियाभर में प्रसिद्ध कर दिया है।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस विक्रम नाथ ने शनिवार को तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में कहा, इतने दिनों से मुझे कानूनी क्षेत्र में अपने छोटे से काम के लिए जाना जाता था, लेकिन मैं आवारा कुत्तों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे न केवल इस देश में बल्कि पूरी दुनिया में नागरिक समाज में पहचान दिलाई।
2027 में CJI बनेंगे जस्टिस विक्रम नाथ
जस्टिस विक्रम नाथ ने फरवरी 2027 में भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने वाले हैं। उन्होंने वर्तमान सीजीआई बीआर गवई को यह मामला उन्हें सौंपने के लिए धन्यवाद भी दिया।
सीजीआई को दिया धन्यवाद
जस्टिस नाथ ने मजाकिया लहजे में कहा, …और मैं अपने सीजीआई को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे वह मामला सौंपा। मुझे बहुत खुशी हुई… खैर, भारत के बाहर के लोग भी मुझे जानते हैं। इसलिए मैं उन्हें यह पहचान देने के लिए धन्यवाद देता हूं।
पुराने आदेश में किया संशोधन
22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने दो जजों की छोटी बेंच के 11 अगस्त के फैसले पर रोक लगा दी थी। उस फैसले में कहा गया था कि दिल्ली-एनसीआर से उठाए गए आवारा कुत्तों को आश्रयों से नहीं छोड़ा जाना चाहिए। पहले के फैसले से पशु कल्याण कार्यकर्ताओं और कुत्ते प्रेमियों द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे।
आदेश में संशोधन करते हुए, तीन जजों की बेंच ने फैसला सुनाया कि कुत्तों को उसी स्थान पर वापस लौटाया जाना चाहिए जहां से उन्हें उठाया गया था। लेकिन ऐसा केवल टीकाकरण और नसबंदी के बाद ही किया जाना चाहिए। यह निर्देश मौजूदा पशु कल्याण दिशानिर्देशों के अनुरूप है।
ब्युरो रिपोर्ट





