छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर से फिर चोरी हुई गरूड़ की मूर्ति; लोग बोले- चोर पछताएगा, 5 बार आ चुकी है वापस

इस मंदिर से यह प्रतिमा इससे पहले 5 बार चोरी जा चुकी है, लेकिन हर बार किसी ना किसी तरीके से वापस मिल जाती है। इसी भरोसे के आधार पर लोगों का कहना है कि इसे चुराने वाला चोर पछताएगा, क्योंकि इसे ना तो वह अपने पास रख पाएगा और 

बिलासपुर / – छत्तीसगढ़ में बिलासपुर जिले के भंवर गणेश मंदिर में स्थापित 10वीं शताब्दी की प्राचीन गरुड़ भगवान की प्रतिमा एक बार फिर चोरी हो गई है। काले ग्रेनाइट से बनी यह मूर्ति चमत्कारिक मानी जाती है और इसे लेकर लोगों में काफी आस्था भी है। मूर्ति चोरी की घटना के बाद लोगों में काफी नाराजगी है, उनका कहना है कि इतनी बार वारदातें होने के बाद भी मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया और यह घटना हो गई।

बता दें कि इससे पहले 5 बार यह प्रतिमा चोरी जा चुकी है, लेकिन हर बार किसी ना किसी तरीके से वापस मिल जाती है। इसी भरोसे के आधार पर लोगों का कहना है कि इसे चुराने वाला चोर पछताएगा, क्योंकि इसे ना तो वह अपने पास रख पाएगा और ना ही इसे बेच पाएगा।

अबतक 5 बार चुराई गई थी यह मूर्ति

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मूर्ति पहली बार साल 2004 में चोरी हुई थी, लेकिन तब चोर इसे ज्यादा दूर नहीं ले जा सके थे और पुलिस ने इसे जल्द ही बरामद कर लिया था। इसके बाद अप्रैल 2006 में यह मूर्ति चोरी गई थी, और उस वक्त चोर इसे गांव के पास ही छोड़कर भाग गए थे। 2007 में भी इसे चुराया गया था। इसके बाद अगस्त 2022 में चोरों ने मंदिर के सेवक को देसी कट्टे के बल पर बंधक बनाकर मूर्ति लूट ली थी, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया था। मंदिर को बार-बार निशाना बनाए जाने से श्रद्धालुओं में नाराजगी और असुरक्षा की भावना गहरा गई है।

पिछली वारदात के समय हो गई थी खंडित

सालों पुरानी यह मूर्ति करीब 3 फीट ऊंची और 65 किलो वजनी है। पिछली बार हुई चोरी की वारदात के समय चोरों ने पहले मूर्ति को उखाड़ने की कोशिश की थी। इसके लिए वे औजार लेकर भी पहुंचे थे, लेकिन उखाड़ नहीं पाए। इसलिए उसे औजार से तोड़कर ले गए थे। बाद में पुलिस ने चार टुकड़ों में उस मूर्ति को बरामद किया था।

मस्तूरी थाना क्षेत्र में स्थित इस मंदिर में हुई चोरी के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की बात कही है। यह मूर्ति धार्मिक आस्था के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर भी है। लोगों का कहना है कि इस प्राचीन गरुड़ मूर्ति को चोरों ने से पहले भी पांच बार चोरी किया है लेकिन चोर ना तो से अपने पास रख पाते हैं और ना ही इसे बेच पाते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मूर्ति में कोई अलौकिक शक्ति है जिसकी वजह से यह बार-बार वापस लौट आती है। इसी वजह से इस प्राचीन गरुड़ मूर्ति के साथ कई कहानियां जुड़ चुकी हैं। हालांकि इस बार हुई चोरी की घटना के बाद पुलिस प्रशासन और आम लोगों में इस मूर्ति को लेकर कई सवाल खड़े हो चुके हैं।

भंवर गणेश मंदिर और ग्रेनाइट की मूर्ति मल्हार स्थित डिड़िनेश्वरी देवी की समकालीन है। 7वीं से 10वीं सदी के बीच विकसित मल्हार की मूर्ति कलाओं में भंवर गणेश को भी प्रमुख माना जाता है। मल्हार में बौद्ध स्मारकों और प्रतिमाओं का निर्माण इसी काल की विशेषता मानी जाती है।

ब्युरो रिपोर्ट

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