नई दिल्ली। मालदीव की ओर से भारतीय सैनिकों को 15 मार्च की डेडलाइन दिए जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वह मालदीव के साथ अपने विकास के एजेंडे को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल का ये बयान ऐसे समय आया है जब मालदीव और भारत के बीच तनाव चल रहा है। बता दें कि, मालदीव ने बीते दिनों कहा कि 15 मार्च तक भारत के सैनिकों को उनका देश छोड़ना होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- “ मालदीव के विकास में सहयोग देने वाले साझेदार के रूप में जो कुछ भी हो सकता है, हम करेंगे।” मालदीव की ओर से भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने की डेडलाइन देने के मामले पर उन्होंने कहा कि इस बारे में भारत-मालदीव के बीच कोर ग्रुप की दूसरी बैठक में चर्चा होगी।
गौरतलब है कि, 14 जनवरी को भारत और मालदीव ने कोर ग्रुप की बैठक हुई थी। इस बैठक में मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। बता दें कि, भारत की ओर से मालदीव को दिए गए जहाजों की मेंटेनेंस और उसकी देखभाल के लिए अपने सैनिक तैनात किए गए गए हैं।
जयसवाल ने कहा- “दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत हो रही है और एक व्यवहारिक समाधान तलाशने की कोशिश हो रही है ताकि हमारे सैनिक भारतीय एविएशन प्लेटफॉर्म का ऑपरेशन जारी रख सकें और मालदीव को लोगों को मानवीय सहायता देते रहें।”
“कोर ग्रुप की अगली बैठक भारत में होगी और जिसमें इस बातचीत को आगे लेकर जाएंगे।” हालांकि ये बैठक कब होगी इस तारीख को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।