नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम आते ही खांसी-जुकाम और बुखार परेशान करने लगते हैं। सर्दियों से बचने के लिए लोग ज्यादा कपड़े पहनकर अपने शरीर को गर्म रखने का काम करते हैं, लेकिन शरीर को ऊपर से ही नहीं, अंदर से भी गर्म रखना जरूरी है। सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए और शरीर को ढेरों फायदे पहुंचाने के लिए गुड़ बहुत अच्छा विकल्प है, जिसका इस्तेमाल बड़े से लेकर बच्चे तक कर सकते हैं। आयुर्वेद में गुड़ को ‘औषधीय मिठास’ कहा जाता है, जो स्वाद में मीठा होता है लेकिन शरीर को सर्दी से बचाने में मदद करता है। गुड़ शरीर को शुद्ध करता है, प्रतिरक्षा शक्ति को भी मजबूत करता है और रक्त को शुद्ध करने में भी सहायक है। इसे सर्दियों में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए वरदान माना गया है। गुड़ शरीर में वात-कफ दोष को संतुलित करता है और शरीर को भीतर से गर्म रखता है। गुड़ रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है और शरीर में जमा आम यानी टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करता है। गुड़ के सेवन से विषाक्तयुक्त लिवर और किडनी शुद्ध होती हैं और कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। सर्दियों के मौसम में सर्दी-जुकाम होना साधारण बात है। गुड़ में एंटी-एलर्जिक और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं और छाती में जमे कफ को भी बाहर निकालने में मदद करते हैं। सर्दियों में गुड़, तुलसी और अदरक की चाय या काढ़ा पीने से सर्दी में आराम मिलता है। सर्दियों के चार महीनों में गुड़ का सेवन आगे होने वाली बीमारियों से भी बचाव करता है।
गुड़ का सेवन हृदय और रक्तचाप के लिए भी लाभकारी होता है। गुड़ में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम हृदय के काम करने की गति को संतुलित करते हैं और धड़कन को भी नियंत्रित रखते हैं। इसके लिए गुड़ के साथ तिल का सेवन भी किया जा सकता है। इससे शरीर में गर्मी बनी रहती है और बीपी भी नहीं बढ़ता है।
महिलाओं के मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा में गुड़ का सेवन लाभकारी होता है। ये हार्मोन को संतुलित रखता है और मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करता है। इसके लिए गुड़ को अजवाइन के साथ लेना चाहिए या अजवाइन वाली चाय को गुड़ के साथ बनाकर लेना चाहिए। गुड़ का सेवन गर्मियों में कम करना चाहिए, क्योंकि गर्मियों में गुड़ पित्त की प्रवृत्ति को बढ़ाता है और बाहर के वातावरण में भी गर्मी होती है।
ब्युरो रिपोर्ट





