एनसीबी कुंवारपुर वन परिक्षेत्र से लाखों की नीलगिरी की लकड़ी जब्त।

एमसीबी / जनकपुर – वन मंडल अधिकारी मनेंद्रगढ़ के निर्देश पर परिक्षेत्र अधिकारी कुंवारपुर के नेतृत्व में गठित वन विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नीलगिरी प्रजाति की लकड़ी से भरा ट्रक जब्त किया. जांच में यह परिवहन नियम विरुद्ध और बिना वैध अनुज्ञा पत्र के पाया गया. जब्त लकड़ी की कीमत लगभग तीन लाख आंकी गई है.

लाखों की नीलगिरी की लकड़ी जब्त: वन विभाग की टीम ने वन बैरियर चांटी में वाहन क्रमांक एमपी20 जीए 2927 को रोककर तलाशी ली. ट्रक में नीलगिरी की लकड़ी लोड मिली. वाहन चालक ने ग्राम पंचायत मट्टा जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के सरपंच द्वारा जारी एक परिवहन अनुज्ञा पत्र पेश किया. इस पत्र में लिखा था कि लकड़ी ग्राम नगरी के इंद्रभान भुर्तिया के निजी पट्टे की भूमि खसरा नंबर 99 से काटी गई है. लकड़ी को राज्य से बाहर सीधी, मध्यप्रदेश भेजा जा रहा है.

मध्य प्रदेश सीधी के रहने वाले हैं खरीदार: जांच में सामने आया कि जप्त की गई लकड़ी का खरीदार अनिल कुमार द्विवेदी पिता पवन कुमार, ग्राम सनोहरी, जिला सीधी (मध्यप्रदेश) है. वन विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रस्तुत दस्तावेज में न तो विभागीय सत्यापन था और न ही वैध परिवहन अनुज्ञप्ति. इस कारण यह परिवहन छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 का उल्लंघन माना गया.

वन विश्राम गृह जनकपुर में रखा गया बरामद माल: वन विभाग ने पूरे मामले पर पीओआर क्रमांक 15820/23 दर्ज कर ट्रक सहित लकड़ी को जप्त कर लिया है. जप्त वाहन और वनोपज को वन विश्राम गृह जनकपुर में खड़ा कराया गया है. विभागीय टीम अब मामले की विस्तृत जांच कर रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इस अवैध परिवहन में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.

कुंवारपुर परिक्षेत्र अधिकारी की कार्रवाई: इस कार्रवाई में कुंवारपुर परिक्षेत्र अधिकारी भूपेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में वनरक्षक और गश्ती दल के सदस्य शामिल रहे. अधिकारियों का कहना है कि इलाके में अवैध वनोपज परिवहन की लगातार शिकायतें मिल रही थी. इसीलिए गश्ती को और मजबूत किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ी कार्रवाई संभव हो सकी.

बाजार भाव 3 लाख रुपए: प्रारंभिक अनुमान के अनुसार जप्त नीलगिरी की लकड़ी की कीमत लगभग तीन लाख रुपये है. विभागीय सूत्रों का मानना है कि यह एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो फर्जी अनुज्ञापत्र के सहारे राज्य से बाहर लकड़ी भेजने का प्रयास करता है. इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए वन विभाग उच्चस्तरीय जांच कर रहा है. वन मंडल अधिकारी ने कहा कि वनों की अवैध कटाई और लकड़ी के अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए विभाग कड़े कदम उठा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कार्यों में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.

        ब्युरो रिपोर्ट

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