संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने कहा, “समझ लीजिए, वे जो शपथपत्र मांग रहे हैं, वह एक ऐसे कानून के तहत है, जिसके मुताबिक आपको 30 दिन के भीतर याचिका देनी होती है, अन्यथा कुछ नहीं होगा। तो फिर वे हलफनामा क्यों मांग रहे हैं? इतना बड़ा खुलासा किया गया है। अगर यह अनजाने में हुआ है, तो इसकी जांच कीजिए।” प्रियंका ने कहा, “आरोपों की जांच करने के बजाय वह कह रहे हैं कि एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करो, क्या वह संसद में ली जाने वाली शपथ से भी बड़ी शपथ है? हमने वह शपथ ली है, हम सब कुछ सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं और आपको सबूत भी दिखा रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव ने राहुल गांधी के दावों को दोहराते हुए कहा कि एक विधानसभा में एक विधानसभा में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोट पाए गए हैं, जिसका मतलब है कि वे जिसे भी वोट देंगे, वही जीतेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह हमारे देश का लोकतंत्र है। यह कोई मज़ाक नहीं है। यह किसी एक पार्टी या किसी दूसरी पार्टी का मामला नहीं है। अगर उन्होंने इसकी जांच नहीं की है, तो वे इसे बकवास नहीं कह सकते। उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी है। अगर उन्हें लगता है कि उनकी जिम्मेदारी सिर्फ भाजपा और सिर्फ एक पार्टी के प्रति है, तो उन्हें इस पर पुनर्विचार करना होगा क्योंकि जैसा मेरे भाई ने कहा, एक दिन ऐसा आएगा जब दूसरे लोग सत्ता में होंगे और फिर जिन लोगों ने हमारे लोकतंत्र को पूरी तरह से बर्बाद करने में सांठगांठ की है, उन्हें इसका जवाब देना होगा।”
प्रियंका गांधी ने भाजपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह आपको साफ पता चल रहा होगा और जिस तरह से उनके नेता जवाब दे रहे हैं, उससे भी यह साफ हो गया है। अगर आप किसी शिक्षक के पास जाकर कहें कि नकल हो रही है, तो क्या शिक्षक आपको थप्पड़ मारेंगे या कहेंगे कि इसकी जांच होगी? यहाँ तो वे उन्हें (राहुल गांधी को) गालियां दे रहे हैं और फिर कहते हैं कि हलफनामे पर हस्ताक्षर कर दो। अगर आपकी (आयोग की) नाक के नीचे इतना बड़ा ‘कांड’ हो रहा है और आप उसे नहीं कर रहे हैं, तो इसकी जांच कीजिए।’’
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