संसद सत्र में केंद्र सरकार से जवाब मांगेंगे- ओवैसी
एआईएमआईएम नेता ने यह भी ऐलान किया कि वे आगामी मानसून सत्र में संसद के भीतर केंद्र सरकार से इस हमले पर जवाब मांगेंगे। उन्होंने कहा कि वे पूछेंगे कि जब कश्मीर घाटी में इतनी सुरक्षा व्यवस्था का दावा किया जाता है, तो फिर आतंकवादी इतने भीतर तक कैसे घुस आए। हमला कैसे हुआ, हमलावर कहां से आए, और वहां पुलिस क्यों नहीं थी? इन सभी सवालों के जवाब सरकार को देने होंगे।
ओवैसी ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि आखिर उस दिन पहलगाम में सुरक्षा की क्या स्थिति थी। उन्होंने कहा कि इस हमले ने साबित कर दिया कि खुफिया जानकारी पूरी तरह से नाकाम रही और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय की भारी कमी थी। यह सिर्फ एक हमला नहीं, बल्कि सुरक्षा के दावों की पोल खोलने वाला गंभीर मामला है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया भारत का पक्ष- ओवैसी
ओवैसी ने बताया कि वह एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया गए थे। वहां उन्होंने भारत का पक्ष मजबूती से रखा और बताया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किस तरह खड़ा है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में भी बताया, जो सरकार द्वारा पहलगाम हमले के बाद चलाया गया था।
हमले पर सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में
ओवैसी ने कहा कि अगर सरकार इस हमले की जिम्मेदारी से बचती है, तो यह शहीदों और उनके परिवारों के साथ अन्याय होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जवाब नहीं दिया, तो विपक्ष संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगा। ओवैसी ने बयान के आखिरी में फिर दोहराया कि मनोज सिन्हा को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।





