2 मार्च से भारत में रमजान महीना शुरू हो गया है. इस पूरे महीने मुसलमान रोजा (व्रत) रखते हैं. साथ ही बुरे काम से दूर रहकर पैगंबर मोहम्मद के बताए हुए रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं.
साथ ही इस महीने में मुसलमान अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी भी मांगते हैं. वैसे तो हर वयस्क मुसलमान पर सारे रोजे रखना फर्ज है लेकिन कई मुसलमान पूरे 30 रोजे नहीं रख पाते हैं. वहीं कुछ मुसलमान विभिन्न कारणों के चलते एक भी रोजा नहीं रखते हैं. यहां तक कि पाकिस्तान में भी रोजा रखने में गफलत करने वाले लोग बड़ी संख्या में हैं. जबकि दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं जहां के मुसलमान पाबंदी से रमजान के 30 रोजे रखते हैं.
पाकिस्तानी, भारतीय मुसलमान पीछे
पाकिस्तान मुस्लिम देश है, भारत में भी मुसलमानों की बहुत बड़ी आबादी रहती है लेकिन रमजान महीने में रोजा रखने की बात करें तो इसमें पाकिस्तान-भारत दोनों के मुसलमान काफी पीछे हैं. यूं कहें कि दुनिया के उन टॉप देशों की लिस्ट से पूरी तरह बाहर हैं जहां के मुस्लिम लोग पूरी पाबंदी से 30 रोजे रखते हैं.
रोजा रखने में कुवैत के मुसलमान टॉप पर
रिसर्च गेट समेत कई एजेंसियों द्वारा की गई रिसर्च के डेटा के मुताबिक रोजा रखने में अव्वल देशों की लिस्ट में पहला नंबर कुवैत का है. कुवैत के 99 फीसदी मुसलमान पूरे 30 दिन के रोजे रखते हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर जॉर्डन है, जहां के 95 फीसदी लोग पाबंदी के साथ रोजे रखते हैं. तीसरे नंबर पर मिस्र के 94 फीसद मुसलमान रमजान के पूरे महीने रोजे रखते हैं. फिलिस्तीन और ट्यूनेशिया के 93 फीसदी मुसलमान पूरे 30 रोजे रखते हैं. इसके बाद दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया का नंबर आता है जहां के 90 फीसदी मुसलमान 30 दिन के रोजे रखते हैं. वहीं पाकिस्तान के मुसलमान रोजे रखने वाले टॉप 10 देशों की लिस्ट से बाहर है.
इन लोगों को होती है रोजा रखने से छूट
इस्लाम धर्म में रमजान को सबसे पाक महीना माना गया है क्योंकि इसी महीने में इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुरान नाजिल हुई थी. इसलिए मुस्लिम रोजा रखते हैं, 5 वक्त की नमाज और नमाज तरावी व कुरान पढ़ते हैं. गरीबों को जकात (दान) देते हैं. रोजा में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए-पिए रहना होता है. हालांकि कुरान में कुछ खास लोगों को रोजा रखने से छूट दी गई है.
वैसे तो हर बालिग मुसलमान जो स्वस्थ हो उसे रोजा रखने की ताकीद की गई है. लेकिन बीमार व्यक्ति, बच्चों, गर्भवती महिलाओं को रोजा रखने से छूट दी गई है.