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अपमान के बदले खौफनाक मौत… अयोध्या में निर्वस्त्र मिली दलित लड़की के साथ हुई दरिंदगी की कहानी

उत्तर प्रदेश के अयोध्या के कोतवाली क्षेत्र में हुई एक दलित लड़की की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपियों की पहचान दिग्विजय सिंह उर्फ दुर्विजय उर्फ बाबा, विजय साहू और हरीराम कोरी के रूप में हुई है.

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तीनों आरोपी पीड़िता के गांव के ही रहने वाले हैं. आरोपी एक साथ मकान की पेंटिंग का काम किया करते थे. इनमें मुख्य आरोपी बाबा पार्ट टाइम चौकीदारी भी करता था.

जानकारी के मुताबिक, आरोपी बाबा पीड़िता के घर आता-जाता था. ये बात पीड़िता के भाई को पसंद नहीं थी. क्योंकि उसकी छवि पूरे गांव में खराब थी. एक दिन उसने आरोपी को मारपीट के अपने घर से भगा दिया. इसके बाद से ही वो नाराज चल रहा था. वो उनसे बदला लेने के मौके देख रहा था. वारदात वाले दिन पीड़िता कथा सुनकर घर लौट रही थी. उस समय बाबा अपने दोस्तों के साथ एक स्कूल के पास शराब पी रहा था.

पीड़िता को देखकर तीनों ने घेर लिया. उसके साथ मारपीट कर जबरदस्ती करने लगे. उसने विरोध किया तो उसकी हत्या करके हाथ-पैर बांधकर नाले में फेंक दिया. इसके बाद घटनास्थल से फरार हो गए. इधर पीड़िता के परिजन उसकी तलाश कर रहे थे. उन्होंने थाने में उसकी गुमशुदगी का केस दर्ज कराया. पुलिस ने पीड़िता की तलाश शुरू कर दी. अगले दिन पीड़िता निर्वस्त्र शव बरामद किया गया. पूरे इलाके में सनसनी फैल गई.

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़िता के साथ हुई दरिंदगी की कहानी सामने आई है. सूत्रों की मानें तो पीड़िता की पसलियां टूटी हुई थीं. उसके शरीर पर 30 से अधिक जख्म के निशान मिले थे. यहां तक कि आंखों को भी दरिदों ने नोंच डाला था. रिपोर्ट में पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से अत्यधिक रक्तस्राव होना, मौत की वजह बताई गई थी. हालांकि, पुलिस का कहना है कि बलात्कार नहीं हुआ था.

उधर, आरोपियों के परिजनों का कहना है कि वो निर्दोष हैं. पुलिस उन्हें जबरन उठाकर ले गई है. आरोपी हरीराम कोरी की मां ने बताया कि रात को एक बजे आकर पुलिस उनके बेटे को ले गई है. वे लोग उसे दोषी बता रहे हैं. बिना सबूत के दोषी बना दिया. हमें सबूत चाहिए. आरोपी विजय साहू की बहन ने कहा कि उसके भाई को पुलिस रात को ले गई है. वो निर्दोष है. हमें सबूत चाहिए. पीड़ित के परिजनों ने पुलिस कार्रवाई पर संतुष्टि जताई है.

मुख्य आरोपी दिग्विजय सिंह की मां ने कहा, ”हमने उसे 15 साल पहले ही घर से निकाल दिया था. उससे हमारा कोई नाता नहीं है. हम लोगों को उस पर शक नहीं है, क्योंकि घटना वाले दिन वो हमारे सामने ही खाना खा रहा था.” उसके पड़ोसियों का कहना है कि वो अक्सर नशा किया करता था. वो अपने परिवार वालों से कोई मतलब नहीं रखता था. वो नशे की हालत में कुछ भी कर सकता है. हालांकि, उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है.

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