कहा जाता है कि इंसान का पुनर्जन्म होता है और वह किसी भी व्यक्ति या जीव के रूप में हो सकता है। हालांकि विज्ञान इस पर विश्वास नहीं करता, लेकिन चंद्रपूर में हुई एक घटना ने लोगों को पुनर्जन्म की चर्चा करने पर मजबूर कर दिया है।
चंद्रपूर जिले के वरोरा तालुका के पिपंळगाव मारुती गांव में विजय मारोती धवणे की मां अनुसया मारोती धवणे का 29 जनवरी, बुधवार को 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार के सदस्य और नाते-रिश्तेदार एकत्र हुए और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की।
जब अनुसया का पार्थिव शरीर श्मशान भूमि ले जाया जा रहा था, तो वहां एक वानर आया, जिसे लोग हनुमानजी का रूप मानते हैं। इस वानर ने पहले शव को देखा, फिर नमस्कार किया और श्मशान भूमि तक साथ चलने लगा।
यह वानर श्मशान भूमि तक पहुंचा और वहां मौजूद सभी लोग यह सोचने लगे कि अब यह वानर चला जाएगा। लेकिन वानर ने मृतक के शव के पास जाकर बांगडियां तोड़ी, मृतक के सिर से चादर हटाई और फिर शव को गले लगा लिया। इसके बाद वानर ने शव पर से चश्मा भी उतार लिया और अग्नि संस्कार तक श्मशान भूमि में ही रहा।
अग्नि संस्कार के बाद यह वानर नाते-रिश्तेदारों के साथ उनके घर तक आया और फिर वहां से चला गया। इसके बाद, जब नाते-रिश्तेदार अनुसया की अस्थियां लेने श्मशान भूमि गए, तो यह वानर फिर वहां उपस्थित था। अस्थियां लेने के समय भी वानर वहां मौजूद था।
जब नाते-रिश्तेदार अस्थियां लेकर घर वापस आए, तो यह वानर उनके साथ आया, फिर वह वहां से भी चला गया। जानकारी के अनुसार, अनुसया के पति मारुति धवणे का निधन 20 साल पहले हो चुका था।
यह घटना इस तरह से हो सकती है कि यह वानर वास्तव में उनके पति मारुति धवणे का पुनर्जन्म हो, या फिर यह एक चमत्कार हो, इस सवाल ने सभी को हैरान कर दिया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
यह अनोखी घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।