मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इस आत्मीय प्रयास से किसानों को हुआ सम्मान का अनुभव
बालोद :—‘विष्णु की पाती‘ पाकर बालोद जिले के किसानों में खुशी और उत्साह की लहर है, मुख्यमंत्री श्विष्णु देव साय के इस आत्मीय प्रयास से किसानों को सम्मान का अनुभव हो रहा है। जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम जुंगेरा के किसान
दुरजन सिंह साहू ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का शुभकामना संदेश ‘विष्णु की पाती‘ पाकर अपनी खुशी व्यक्त की है। दुरजन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के पत्र को पढ़कर सम्मान का अनुभव हो रहा है। मुख्यमंत्री के इस आत्मीय प्रयास से हम किसानों को काफी खुशी हुई है, यह हम सभी किसानों के लिए किसी सम्मान से कम भी नहीं है। दुरजन सिंह ने राज्य सरकार द्वारा प्रति क्ंिवटल 3100 रुपये की दर से प्रति एकड़ 21 क्ंिवटल की धान खरीदी के निर्णय की भूरी-भूरी सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीदी की दर में वृद्धि कर हम किसानों की मेहनत को सम्मान देने का कार्य किया है।
ग्राम कोहंगाटोला के किसान ओमप्रकाश देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के किसान हितैषी निर्णयों से हम किसानों की आर्थिक स्थिति अब समृद्धि की ओर है। किसान अब पारम्परिक कृषि से आगे बढ़ते हुए वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य कर रहे हैं। किसान अब अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और घर की स्थिति को भी मजबूत कर पा रहे हैं। उसने कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा भेजा गया यह पत्र हम किसानों को आशान्वित करता है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हम किसानों के मेहनत को सम्मानित करने के लिए पूरी तरह समर्पित है।
इसी प्रकार पाररास के किसान बसंत निर्मलकर ने भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के किसान हितैषी फैसलों एवं निर्णयों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
किसान रमेश कुमार साहू ने कहा कि विष्णु की पाती के माध्यम से मुख्यमंत्री जी ने हमसे संवाद कर हमारा मान बढ़ाया है। विष्णु की पाती मिलने से हम सभी किसानों को बहुत ही अपनत्व एवं गर्व की अनुभूति हो रही है। उसने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में इस वर्ष धान खरीदी केन्द्र में धान बिक्री के लिए आने पर सभी व्यवस्था उपलब्ध होने से हम किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई नही हुई है। रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सुशासन में हम सभी किसानों को समृद्धि के साथ ही सम्मान भी मिला है।