हथियार छोड़ चुके पूर्व नक्सली बढ़ाना चाहते हैं अपना परिवार ऐसे पूर्व नक्सलियों के लिए सरकार कई योजना चलाकर करेगी मदद।

रायपुर: बस्तर के जंगलों में दहशत फैलाने वाले कई नक्सली थे, जिन्होंने यह मान लिया था कि वह कभी पिता नहीं बनेंगे। श्यामलाल कोर्राम ने भी कभी पिता न बन पाने की बात मान ली थी। माओवादी संगठन में ये नियम था कि शादी से पहले पुरुषों को नसबंदी करानी होगी। श्यामलाल ने भी ये नियम माना। लेकिन बाद में उन्होंने सरेंडर कर दिया। 2014 में उन्होंने सोनमती से शादी की। वह भी पहले नक्सली थी। इसके बाद श्यामलाल ने रिवर्स नसबंदी कराई। आज उनके बच्चे स्कूल जाते हैं और वह खुश हैं।

ऐसे नक्सलियों के लिए नई योजना

छत्तीसगढ़ सरकार ऐसे नक्सलवादियों के लिए एक नई योजना ला रही है। जो नक्सली पहले सरेंडर कर चुके हैं और बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें IVF की सुविधा दी जाएगी। माओवादी संगठन में शादी से पहले पुरुषों की नसबंदी करा दी जाती थी। इससे कई लोगों को बाद में बच्चे पैदा करने में दिक्कत हुई।

बिना ट्रेनिंग के नसबंदी करते थे नक्सली

कई ऐसे पूर्व नक्सली हैं, जिनकी रिवर्स सर्जरी सफल नहीं हुई। 2007 से अब तक 26 नक्सलियों की रिवर्स सर्जरी हुई। उनमें से सिर्फ 10 जोड़ों को ही बच्चे हुए, जिनकी कुल संख्या 12 है। नक्सली शिविरों में बिना ट्रेनिंग वाले लोग नसबंदी करते थे। इससे कई बार नुकसान हो जाता था।

अब सरकार देगी IVF की सुविधा

अब सरकार नक्सलियों को IVF की सुविधा देने की सोच रही है। यह सुविधा उन नक्सलियों को मिलेगी जिनकी रिवर्स सर्जरी सफल नहीं हुई। यह योजना नक्सली सरेंडर, विक्टिम रिलीफ और रिहैबिलिटेशन पॉलिसी 2025 के तहत शुरू की जा रही है।

समाज का हिस्सा बनाने की कोशिश

अधिकारियों ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि सरेंडर करने के बाद लोगों को भावनात्मक और सामाजिक रूप से मदद मिल सके। खासकर उन लोगों को जो परिवार बसाना चाहते थे। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा, ‘माओवादी आंदोलन में, नसबंदी शादी के लिए जरूरी थी। हमने देखा है कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों की रिवर्स सर्जरी हमेशा सफल नहीं होती। इनमें से कई पुरुष परिवार बसाने और सामान्य जीवन जीने की उम्मीद में सरेंडर करते हैं। हम अब उन्हें वह लक्ष्य हासिल करने में मदद करने के लिए IVF की पेशकश करने की संभावना तलाश रहे हैं।’

2004 में शुरु हुई थी रिवर्स सर्जरी

IG (बस्तर रेंज) पी सुंदरराज ने कहा कि रिवर्स पॉलिसी 2004 में शुरू हुई थी। पहली सर्जरी 2007 में हुई थी। तब से, राज्य ने रिवर्स सर्जरी को अपनी पुनर्वास योजना में शामिल किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि सर्जरी के बावजूद, कई लोग बच्चे पैदा नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए IVF को एक चिकित्सा विकल्प के रूप में माना जा रहा है। इसलिए नहीं हमें इसके लिए किसी ने कहा है।’

ब्युरो रिपोर्ट

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