डोनाल्ड ट्रंप ने बीते कुछ दिनों में खुलकर पाकिस्तान के लिए ऐसी बातें कही हैं, जो वहां की सरकार और सेना को खुश करती हैं। दूसरी ओर भारत पर उनका रुख कड़ा दिख रहा है।
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी बयानबाजी के लिए चर्चा में बने रहते हैं लेकिन भारत में कुछ समय से वह काफी ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं। खासतौर से 7-10 मई तक भारत-पाकिस्तान के संघर्ष के बाद ट्रंप ने लगातार बयानबाजी की है। इस बयानबाजी में वह काफी हद तक पाकिस्तान की तरफदारी करते दिखे हैं। ट्रंप का यह रुख कई एक्सपर्ट को पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट रुिचर्ड निक्सन की याद दिला रहा है। निक्सन ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था और उस समय की भारत की पीएम इंदिरा गांधी से उनका रिश्ता काफी तनावपूर्ण रहा था।

निक्सन और भारत-पाक युद्ध
भारत और पाकिस्तान जब 1971 में बांग्लादेश में आमने-सामने आए तो निक्सन अमेरिका के प्रेसीडेंट थे। उन्होंने पाकिस्तान को युद्ध के दौरान समर्थन दिया और भारत को धमकाने की नाकाम कोशिश की। आधिकारिक तौर पर अमेरिकी हथियार प्रतिबंध के बावजूद निक्सन और किसिंजर ने यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तान को जॉर्डन और ईरान जैसे तीसरे पक्ष के देशों के माध्यम से सैन्य सहायता मिले।
पाकिस्तान की सेना की पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में की जा रही ज्यादतियों पर निक्सन प्रशासन ने अपनी चुप्पी बनाए रखी और लगातार इस्लामाबाद को बचाने की कोशश की। उस समय ढाका में तैनात अमेरिकी राजनयिकों ने अमेरिकी निष्क्रियता की निंदा करते हुए इसे नैतिक दिवालियापन कहा था। इसके बावजूद निक्सन का रुख नहीं बदला।
ब्यूरो रिपोर्ट





