गोंडा / – उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता अपर्णा यादव ने बलरामपुर में जबरन धर्मांतरण के मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की सराहना करते हुए घर वापसी की मांग की है। अपर्णा यादव ने कहा कि जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि देशभर में एक मजबूत संदेश जाए। मैं चाहती हूं कि जिन लोगों का जबरन धर्मांतरण हुआ है, उनकी घर वापसी हो। लेकिन, यह उनकी स्वेच्छा पर निर्भर होना चाहिए। हम एक स्वतंत्र भारत में रहते हैं, जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म को चुनने का अधिकार है। जो लोग धर्मांतरण से खुश नहीं हैं और जबरन धर्म परिवर्तन का शिकार हुए हैं, उन्हें अपने मूल धर्म में वापस लौटने का अवसर मिलना चाहिए। Also Read – मध्य प्रदेश : कांवड़ यात्रा के मद्देनजर उज्जैन और ओंकारेश्वर में व्यापक तैयारियां, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम उन्होंने इस मामले में इंटेलिजेंस की भूमिका की सराहना की और कहा कि जैसे ही इसकी जानकारी मिली, तुरंत कार्रवाई शुरू हो गई। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत अच्छी कार्रवाई की है। अवैध संपत्ति और जगहों पर बुलडोजर चलाकर उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया है। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए चेतावनी है जो जबरन धर्मांतरण करवाते हैं। मुझे लगता है कि ऐसी कड़ी कार्रवाई से पूरे देश में संदेश जाएगा।”
अपर्णा यादव ने बलरामपुर में धर्मांतरण के लिए रेट तय करने की घटना को “निकृष्ट कार्य” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह न केवल महिलाओं, बल्कि किसी भी व्यक्ति के लिए गलत है। जो लोग धर्म की आड़ में ऐसी हरकतें करते हैं, उन्हें अब समझ लेना चाहिए कि ऐसी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।” कावड़ यात्रा को लेकर विपक्षी दलों के बयानों पर भी अपर्णा यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कावड़ यात्रा हमारी सनातन परंपरा का हिस्सा है। इसमें यात्रियों के खाने-पीने और विश्राम का ध्यान रखना गलत नहीं है। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है।”
समाजवादी पार्टी (सपा) सुप्रीमो अखिलेश यादव द्वारा नेम प्लेट को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, “धर्म से जुड़े मामलों को राजनीति में नहीं लाना चाहिए। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश में रहते हैं, जहां हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। कांवड़ यात्री अपनी सभ्यता और संस्कार का निर्वहन कर रहे हैं, इसमें कोई गलत बात नहीं है।” मुंबई में भाषा विवाद पर अपर्णा यादव ने हिंदी को देश की एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “हिंदी हमारा गौरव है, जो पूरे देश को जोड़ती है। किसी भी भाषा के खिलाफ भद्दी टिप्पणी करने वाले लोग निम्न स्तर के हैं। मराठी भी एक सुंदर भाषा है, और हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत से लोग हैं जो महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के साथ अलग-अलग हिस्सों से आते हैं; हम उनको गले लगाकर स्वागत करते हैं। मेरा साफ तौर पर मानना है कि भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।
ब्यूरो रिपोर्ट





