छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला एक बार फिर से चर्चा में है. चर्चा घोटाले की रकम 1100 करोड़ रुपये बढ़ जाने को लेकर है. ईडी ने अपनी जांच में जिस शराब घोटाले को करीब 2100 करोड़ रुपये का बताया था, राज्य की एसीबी व ईओडब्ल्यू ने इसे लगभग 3200 करोड़ रुपयों का बता दिया है. छत्तीसगढ़ के सियासत में भूचाल लाने वाले कथित शराब घोटाले की रकम बढ़ती ही जा रही है. केन्द्रीय जांच एजेंसी ईडी ने जिसे 2100 करोड़ रुपये का घोटाला माना था, एसीबी ईओडब्ल्यू की जांच में वो रकम बढ़कर 3200 करोड़ रुपये हो गई है. शराब घोटाला मामले में 7 जुलाई को कोर्ट में पांचवां पूरक चालान पेश करने के बाद इसका खुलासा हुआ.
किसने क्या कहा?
एसीबी छत्तीसगढ़ के अधिवक्ता मिथिलेश वर्मा ने कहा है कि अभी विवेचना चल रही है, ये जो घोटाला हुआ है, उसकी रकम तो बढ़ती ही जाएगी, जांच पूरी होने तक रकम और बढ़ेगी.
नरेश गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- 2000 करोड़ शराब घोटाला – CG सरकार ने PC Act की धारा 17A & 19 के तहत जांच एवं तदुपरान्त अभियोजन स्वीकृत प्रदान की, यहां शासन की मंशा दोषियों पर कार्यवाही की है. इसमे शासन के मंशा के प्रतिकूल कार्य आज देखने को मिला. शासन के मंशा के विपरीत कार्य करने वालों पर कार्यवाही अपेक्षित है. हालांकि अधिकारियों को गिरफ्तार न करने के पीछे तर्क भी सुन लीजिए.
मिथिलेश वर्मा कहते हैं कि “पांचवां पूरक चालान पेश किया गया, जिसमें आबकारी अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, स्टांप ड्यूटी का उपयोग किए बिना ही शराब बेची गई, अधिकारियों को फरार नहीं कह सकते, उन्हें नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए हैं, फिर से नोटिस जारी किया जाएगा.”
- जांच एजेंसियों का दावा है कि राज्य 2018 से 2023 तक कांग्रेस की सरकार के दौरान शराब घोटाला हुआ
- नेता-अफसर और कारोबारियों ने मिलकर करोड़ों रुपयों के घोटाले को अंजाम दिया
- तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत बड़े कारोबारी अधिकारी इस मामले में जेल में हैं
- पूर्व सीएम भूपेश बघेल व उनके करीबियों के घर केन्द्रीय एजेंसियां रेड कर चुकी हैं
- जांच एजेंसियों का दावा है कि सिंडिकेट बनाकर घोटाले को अंजाम दिया गया
- तत्कालीन आबकारी अधिकारी भी इस कमीशनखोरी में शामिल थे
- सिंडिकेट ने कमीशन में मोटी रकम कमाने के लिए राज्य की आबकारी नीति में ही परिवर्तन करवा दिया
- पहले छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन विदेशी शराब कंपनियों से शराब खरीदती थी और फिर वो शराब दुकानों में सप्लाई करती थी
- इससे सिंडिकेट को कमीशन नहीं मिल पाता था
- इसलिए नीति में बदलाव कर एफएल-10 ए लाइसेंस लाया गया
- इस नीति से कंपनियां डायरेक्ट शराब की सप्लाई करने लगीं और खूब कमीशनखोरी हुई
- नकली होलोग्राम से भी दुकानों में शराब खपाई गई
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि “बीजेपी के इशारे पर जांच एजेंसियां काम कर रही हैं, पहले पांच साल तक ईडी ने जांच किया 2000 करोड़ का घोटाला बताया, अब एसीबी ईओडब्ल्यू 3 साढ़े 3 हजार करोड़ का घोटाला बता रही है, अरे कोई बताएगा कि पिछले पांच साल में आबकारी विभाग से कोई राजस्व प्राप्त हुआ भी या सिर्फ घोटाला ही हुआ, ये बीजेपी के इशारे पर कांग्रेस की छवि खराब करने का काम किया जा रहा है.”
बीजेपी ने क्या कहा?
BJP प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि “भूपेश बघेल के नेतृत्व में एक संगठित अपराध किया गया, पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में हैं, अधिकारियों के खिलाफ चलान पेश किया जा चूका है, बड़ी ही सूक्ष्मता से जांच चल रही है, बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस अपने लोगों को बचाने के लिए बयानबाजी कर रही है, घोटाले का पैसा कांग्रेस भवन तक बनाने में लगाया गया, कोई भी दोषी इसमें बचेगा नहीं.”
छत्तीसगढ़ कथित करोड़ों रुपये के शराब घोटाले की आंच में और कितने नेता, अधिकारी और कारोबारी तपेंगे ये तो भविष्य में ही पता चलेगा, लेकिन इस पार सियासत एक बार फिर से तेज हो गई है.
ब्यूरो रिपोर्ट छत्तीसगढ़बन्धु





