बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में सख्त कानून के बाद भी टोनही प्रताड़ना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आज भी यहां समाज अंधविश्वास के जाल में जकड़ा हुआ है। ऐसा ही एक ताजा मामला प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर से भी सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग महिला को टोनही के शक में पहले घर से पहले घसीट कर बाहर निकालकर बुरी तरह पीटा गया। फिर जिंदा जलाने की कोशिश की गई। मस्तूरी के भदौरा में सामने आए इस मामले में गांव का ही एक परिवार बुजुर्ग महिला पर टोनही होने का शक करता था।
बताया जा रहा है हमला करने वाले परिवार में किसी का स्वास्थ्य खराब रहता था। इसे लेकर उनका शक 65 वर्षीय भूरी बाई पर था। उन्हें शक था कि उसने परिवार पर जादू टोना किया है। इधर महिला की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है।
बता दें कि, प्रदेश में अंधविश्वास और अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर कानूनन प्रहार करने के लिए सरकार ने वर्ष 2005 में छग टोनही उत्पीड़न निवारण अधिनियम बनाया है। इसका विस्तार पूरे प्रदेश में है। इसमें परिभाषित किया गया है कि, किसी व्यक्ति या व्यक्तियों द्वारा इंगित किया गया व्यक्ति जो नुकसान पहुंचाएगा या नुकसान पहुंचाने की शक्ति रखता है। या इस तरह वह व्यक्तियों या समाज या जानवर को नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है। किसी व्यक्ति की पहचान टोनही के रूप में करेगा। उसे 3 साल तक का कठोर कारावास और जुर्माने से दंडित किया जाएगा। इसमें अलग अलग प्रावधान के तहत सजा 5 साल तक बढ़ाई भी जा सकती है। इसके अलावा भी अलग-अलग शासकीय व गैर शासकीय अभियानों के जरिए भी समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं और लोगों को जागरूक किया जाता है।
हालांकि, नई सरकार ऐसे किसी भी अपराध को अक्षम्य मानती है। डिप्टी सीएम अरुण साव का कहना है कि, प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज हो। गैर कानूनी काम करने वाले किसी को बख्शा नहीं जाएगा, उन पर कठोर कार्रवाई होगी।